मध्य प्रदेश के जीआई टैग वाले 27 अनमोल खजाने
आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के जीआई टैग वाले 27 अनमोल खजाने, मध्य प्रदेश जिसे हम प्यार से ‘हिंदुस्तान का दिल’ कहते हैं, केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के अनमोल सांस्कृतिक खजानों के लिए भी जाना जाता है। खासकर जब बात आती है जीआई (Geographical Indication) टैग वाले उत्पादों की, तो मध्य प्रदेश गर्व से अपने 27 अनमोल खजानों को प्रदर्शित करता है। इनमें से कई उत्पाद सदियों से चले आ रहे हैं और इनमें से हर एक की अपनी अलग पहचान है।
1. रतलामी सेव: जीआई टैग से सजी प्रसिद्ध नमकीन
मध्य प्रदेश की इस स्वादिष्ट नमकीन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। अपनी खस्ता और मसालेदार विशेषता के कारण रतलामी सेव ने दुनिया भर में नाम कमाया है। इसका अनोखा स्वाद जीआई टैग के साथ अब ऐतिहासिक धरोहर बन चुका है।
2.रियावन लहसुन: रतलाम का तीखा जायका
रतलाम का रियावन लहसुन अपने तीखेपन और विशेष सुगंध के लिए प्रसिद्ध है। इसका स्वाद इतना मजबूत होता है कि इसे एक बार चखने के बाद आप इसे भूल नहीं सकते। जीआई टैग के साथ यह लहसुन भी अनमोल धरोहर बन चुका है।
3.मुरैना की गजक: सर्दियों की मीठी परंपरा
सर्दियों में मुरैना की गजक खाने का मजा ही कुछ और है। गुड़ और तिल से बनी यह मिठाई हर किसी की पसंदीदा होती है। इसकी मीठास और कुरकुरेपन ने इसे जीआई टैग की सूची में शामिल कर दिया है।
4.बालाघाट का चिनौर चावल: खुशबू और स्वाद का अनमोल रत्न
बालाघाट के चिनौर चावल को उसकी खुशबू और लाजवाब स्वाद के लिए जाना जाता है। इसकी खेती की विशेष तकनीक और विशिष्ट स्वाद ने इसे जीआई टैग की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
5.शरबती गेहूं: नरम और स्वादिष्ट रोटियों का रहस्य
शरबती गेहूं से बनी रोटियां अपनी नरमाहट और स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं। मध्य प्रदेश की यह किस्म पूरे देश में अपनी विशिष्टता के कारण पहचानी जाती है।
6.रेवा का सुंदरजा आम: शाही आम का मजा
रेवा का सुंदरजा आम अपनी मिठास और शानदार स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसे आमों का राजा भी कहा जाता है। जीआई टैग के साथ यह आम मध्य प्रदेश की पहचान बन चुका है।
7.गोंड पेंटिंग्स: भारत की प्राचीन कला का जीता-जागता उदाहरण
गोंड जनजाति की यह पारंपरिक कला हजारों साल पुरानी है और इसे जीआई टैग मिलना इसकी विरासत को और मजबूत करता है। यह चित्रकला न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
8.झाबुआ का कड़कनाथ काला चिकन: सेहत से भरपूर दुर्लभ प्रजाति
कड़कनाथ चिकन की यह दुर्लभ प्रजाति अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण विशेष मानी जाती है। इसका काला मांस और उच्च प्रोटीन की मात्रा इसे विशेष बनाती है।
9.चंदेरी और महेश्वरी साड़ियाँ: बारीक कढ़ाई और हल्के कपड़े का जादू
मध्य प्रदेश की ये साड़ियां अपने बारीक काम और हल्के कपड़े के लिए दुनिया भर में जानी जाती हैं। चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों को पहनकर हर महिला खुद को शाही महसूस करती है।
10.इंदौर के लेदर खिलौने: परंपरा और खेल का अनोखा मेल
इंदौर के लेदर खिलौने एक विशेष प्रकार की कला का प्रदर्शन करते हैं। ये खिलौने न केवल बच्चों के खेलने के लिए होते हैं बल्कि एक अनोखी परंपरा को भी संजोए रखते हैं।
11.बाघ और उज्जैन बटिक प्रिंट्स: सदियों पुरानी कला का उत्कृष्ट नमूना
बाघ और उज्जैन की बटिक प्रिंट्स एक विशेष प्रकार की प्राचीन कला है जो सदियों से चली आ रही है। इनकी विशेषता इनकी डिजाइन और पैटर्न में छिपी होती है, जो हर किसी को आकर्षित करती है।
12.दतिया और टीकमगढ़ की घंटी धातु कला: परंपरागत हस्तशिल्प की गूंज
घंटी धातु से बनी इन कलाकृतियों में एक विशेष प्रकार की गूंज होती है, जो किसी भी घर या मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। दतिया और टीकमगढ़ की यह कला अपनी अलग पहचान रखती है।
13.डिंडोरी का लोहे का हस्तशिल्प: खूबसूरत और मजबूत सजावटी सामान
डिंडोरी का यह लोहे का हस्तशिल्प अपने अनोखे डिजाइनों और मजबूत संरचना के लिए जाना जाता है। यह सजावटी सामान न केवल घर की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि एक लंबे समय तक टिकने वाले होते हैं।
14. जबलपुर का पत्थर शिल्प: शिल्पकला की विरासत
जबलपुर का पत्थर शिल्प सदियों पुरानी परंपरा और कला का एक अनोखा उदाहरण है। यह शिल्पकला अपनी उत्कृष्टता और जटिलता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश के ये 27 अनमोल खजाने न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए हैं, बल्कि देश और विदेश में इनकी एक अलग पहचान भी है। जीआई टैग ने इन सभी वस्त्रों, कलाओं, और व्यंजनों को वैश्विक मान्यता दी है, और ये अनमोल खजाने सदियों तक हमारे दिलों में बसे रहेंगे।
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