बेंगलुरु में बनने जा रहा भारत का 250 मीटर सबसे ऊंचा स्काई डेक
बेंगलुरु में बनने जा रहा भारत का 250 मीटर सबसे ऊंचा स्काई डेक, जिसकी अनुमानित लागत ₹250 करोड़ है, कर्नाटक कैबिनेट द्वारा हाल ही में मंजूरी दी गई है। इस परियोजना का उद्देश्य Bengaluru की खूबसूरती को और भी निखारना और इसे आधुनिकता के एक नए स्तर पर ले जाना है। Karnataka के कानून और संसदीय कार्य मंत्री, H.K. Patil ने 23 अगस्त को इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि यह स्काई डेक 250 मीटर की ऊंचाई पर बनेगा, जो इसे भारत का सबसे ऊंचा स्काई डेक बना देगा।
Bengaluru की शहरी पहचान को देगा नया आयाम
यह Project Bengaluru की आधुनिकता और वास्तुकला का एक प्रतीक बनेगी। बेंगलुरु में बनने वाला यह स्काई डेक सिर्फ एक ऊंचा ढांचा नहीं होगा, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को भी सशक्त करेगा। इसके पूरा होने पर, बेंगलुरु एक नए पर्यटन आकर्षण के रूप में उभरेगा, जहां न केवल पर्यटक बल्कि स्थानीय लोग भी अद्वितीय अनुभव का आनंद ले सकेंगे।
स्काई डेक के प्रमुख विशेषताएँ
यह 250 मीटर ऊंचा स्काई डेक Bengaluru के वास्तुशिल्प में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह शहर के सबसे खूबसूरत और रोमांचक स्थानों में से एक बन जाएगा। यहां से शहर का 360-डिग्री नजारा मिलेगा, जो किसी भी आगंतुक के लिए अविस्मरणीय होगा। इसके साथ ही, इस परियोजना से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा, क्योंकि यह व्यापार और पर्यटन के नए द्वार खोलेगी।
पर्यावरण और आर्थिक दृष्टिकोण
इस स्काई डेक की सबसे खास बात यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल होगा। परियोजना को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही, ₹250 करोड़ की लागत से बनने वाला यह स्काई डेक राज्य के राजस्व में भी वृद्धि करेगा और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगा।
Karnataka कैबिनेट द्वारा स्वीकृत Bengaluru में बनने वाला भारत का सबसे ऊंचा स्काई डेक, न केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि यह Bengaluru को एक नई पहचान देने वाला महत्वपूर्ण कदम है। ₹250 करोड़ की लागत से बनने वाला यह स्काई डेक न केवल शहर की खूबसूरती में इजाफा करेगा, बल्कि इसे देश के सबसे आधुनिक और आकर्षक शहरों में शामिल करने में भी मदद करेगा। इस परियोजना का सफल क्रियान्वयन निश्चित रूप से राज्य के विकास और समृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।