इंग्लैण्ड जैसा टैक्स, सोमालिया जैसी सेवा
हम अक्सर सुनते हैं कि भारत में इंग्लैण्ड जैसा टैक्स, सोमालिया जैसी सेवा का अंदाजा लगाया जाता है। इसका मतलब यह है कि भले ही टैक्स का बोझ ऊँचा हो, सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। इस बजट में सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और सुधार का जो दृष्टिकोण अपनाया है, वह इस सोच को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उम्मीद है कि इस बजट के जरिए नागरिकों को बेहतर सेवाएं और अधिक न्यायसंगत कर व्यवस्था का लाभ मिलेगा।
इस बार का UNION BUDGET 2024 विकास, सुधार और निवेश की दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाने का संकेत है। सरकार की योजनाओं और आवंटनों की सटीक जानकारी से आपको बेहतर समझ प्राप्त होगी कि आगामी वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे में क्या परिवर्तन आ सकते हैं।
भारत का Union बजट 2024
भारतीय संघीय बजट 2024-25 को 23 जुलाई 2024 को प्रस्तुत किया गया। इस बजट में सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपनी वित्तीय योजनाओं और खर्चों की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया है। आइए जानते हैं इस बजट के प्रमुख बिंदुओं के बारे में और देखें कि इसमें क्या खास है:
प्रमुख हाइलाइट्स
1.वित्तीय घाटा: इस बजट में सरकार ने अपने खर्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उधारी की लक्ष्य सीमा निर्धारित की है। यह आंकड़ा आर्थिक स्थिरता और ऋण प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
2.GDP वृद्धि का अनुमान: सरकार ने आगामी वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि की प्रक्षिप्ति प्रस्तुत की है। यह आंकड़ा आर्थिक विकास की दिशा को संकेत करता है और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
3.कर प्रस्ताव: बजट में व्यक्तिगत आयकर, कॉर्पोरेट कर, और अप्रत्यक्ष करों में संभावित बदलावों का प्रस्ताव किया जा सकता है। इस बार करों के मामले में सरकार ने कुछ नई नीतियाँ लागू की हैं, जो आम नागरिकों और व्यवसायों पर असर डालेंगी।
4. अवसंरचना पर खर्च: सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और अन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के लिए आवंटित धन में वृद्धि की गई है। इसका उद्देश्य देश की बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना और विकास को तेज करना है।
5. कृषि क्षेत्र: किसानों के लिए सब्सिडी, सिंचाई सुविधाएं और ग्रामीण विकास के लिए अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया गया है। इससे कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास की उम्मीद की जा रही है।
6. शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया गया है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उठाया गया है।
7. सामाजिक कल्याण योजनाएं: MGNREGA, खाद्य सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों के लिए बजट में आवंटन बढ़ाया गया है। यह समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष सहायता का संकेत है।
8. रक्षा बजट: सशस्त्र बलों के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक ताकत को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
भारत का संघीय बजट 2024: एक नई दिशा की ओर
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को मोदी 3.0 सरकार का पहला संघीय बजट प्रस्तुत किया। इस बजट ने लोकसभा चुनाव के बाद नए कोएलिशन युग के तहत राजनीतिक प्राथमिकताओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव को संकेत किया। इस ब्लॉग में हम इस बजट के मुख्य बिंदुओं और इसके प्रभावों पर एक नज़र डालेंगे।
सैलरीड क्लास के लिए राहत
इस बार के बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए खुशखबरी है। वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था को अपनाने वाले कर्मचारियों के लिए मानक कटौती बढ़ा दी है और कर स्लैब में कुछ बदलाव किए हैं। यह बदलाव निश्चित रूप से आम आदमी की जेब पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा और टैक्स का बोझ कम करेगा।
निवेशकों पर नया कर बोझ
हालांकि, बजट ने निवेशकों के लिए थोड़ी कड़ी चुनौतियाँ पेश की हैं। सरकार ने दीर्घकालिक और तात्कालिक पूंजी लाभ कर में वृद्धि की घोषणा की है। इससे शेयर बाजार में निवेशकों को अतिरिक्त कर का सामना करना पड़ेगा, जो वित्तीय बाजारों में कुछ अस्थिरता पैदा कर सकता है।
आरबीआई की डिविडेंड बौछार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य सहयोगियों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा मिला। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सरकार को ₹2.11 लाख करोड़ का डिविडेंड प्रदान किया, जिससे आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू और बिहार के नीतीश कुमार जैसे सहयोगी नेताओं की राज्य योजनाओं को बजट में समायोजित किया जा सका। यह बजट राज्यों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
राजकोषीय घाटा और बाजार उधारी
राजकोषीय घाटे के संदर्भ में, सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य को 5.1% से घटाकर 4.9% कर दिया है, जो राजकोषीय अनुशासन की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, सरकार ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा अनुमान 4.5% पर बनाए रखा है, जैसा कि फरवरी में अंतरिम बजट में घोषित किया गया था।
बजट में, सकल बाजार उधारी को भी कम किया गया है। फरवरी में अनुमानित ₹14.13 लाख करोड़ की तुलना में अब इसे ₹14.01 लाख करोड़ कर दिया गया है। यह उधारी की लागत को नियंत्रित करने और बाजार में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
TAX SLAB FOR SALARY PERSON ( तनख्वाह पाने वाले लोगो के लिए टैक्स )
Old Tax Regime | New Tax Regime u/s 115BAC | ||
Income Tax Slab | Income Tax Rate | Income Tax Slab | Income Tax Rate |
Up to ₹ 2,50,000 | Nil | Up to ₹ 3,00,000 | Nil |
₹ 2,50,001 – ₹ 5,00,000 | 5% above ₹ 2,50,000 | ₹ 3,00,001 – ₹ 6,00,000 | 5% above ₹ 3,00,000 |
₹ 5,00,001 – ₹ 10,00,000 | ₹ 12,500 + 20% above ₹ 5,00,000 | ₹ 6,00,001 – ₹ 9,00,000 | ₹ 15,000 + 10% above ₹ 6,00,000 |
Above ₹ 10,00,000 | ₹ 1,12,500 + 30% above ₹ 10,00,000 | ₹ 9,00,001 – ₹ 12,00,000 | ₹ 45,000 + 15% above ₹ 9,00,000 |
₹ 12,00,001 – ₹ 15,00,000 | ₹ 90,000 + 20% above ₹ 12,00,000 | ||
Above ₹ 15,00,000 | ₹ 1,50,000 + 30% above ₹ 15,00,000 |
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